A Tribute To Our Soldiers
मेरा सलाम है...
पठानकोट से जब
शाहदत की खबर आई थी ।
देश में मेरे पूरी तरह
छाई रुसवाई थी।
उन वीरों को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
एक पिता का कहना था :
एक और बेटा फौज में है।
पोते को भी भेजूँगा।
देश का ऋण चुकाने को,
सारा लहू दे दूँगा ।
उस पिता के वचन को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
बेटे के शव पर उस
माँ का बिलखना।
सूनी उसकी गोद में
उस दर्द़ का दिखना।
ममता के उन आँसू को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
कहीं एक तीन साल की बच्ची को कुछ पता नहीं,
उसे लगता है पापा आएँगे।
शहर के मेले से उसके लिए,
मँहगी गुड़िया लाएँगे।
उस बेटी के विश्वास को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
कहीं मेंहदी के रंग से पहले,
लाल सिंदूर उतर गया।
सात जनम के साथी को
इतना दूर कर गया ।
काँच की चूड़ियों के, उन टुकड़ों को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
गाँव में उसके चार यार, पाँच गिलास,
जाम तैयार कर रहे थे।
छुट्टी के बाद अपने फौजी,
यार का इंतजार कर रहे थे।
उस जिगरी दोस्ती को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
कहीं एक प्रेमिका के बहते आँसू,
सारे दर्द कह गए।
एक खत का जवाब, कुछ वादे,
कुछ सपने अधूरे रह गए।
उन वादों को तोड़कर निभाए उस कसम को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
जिस प्यारी बहना के रुदन से
आज मातम बरस रही है ।
हाँ, वो उसकी राखी है
जो कलाई को तरस रही है ।
रेशम की उस डोर को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
बाप के कमज़ोर कंधे बेटे का
जनाज़ा नहीं उठा पा रहे थे।
दिल के टुकड़े को अंतिम विदाई देने की
हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।
ऐसी कुर्बानी को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
बुलेट-प्रूफ जैकेट ना हो तो क्या?
उन्होंने सीने पर गोली खा ली।
उन आतंकियों को मारकर उन्होंने
देश की आन बचा ली।
ऐसे फौलाद के जिगर को मेरा सलाम है ।
देश के फौज पर मुझे गुमान है ।
-दीपक कुमार साहु
-Deepak Kumar Sahu
22/01/2016
12:49:56 AM
शाहदत- Holy Sacrifice
रुसवाई- Gloomy / sadness
गुमान- Proud
ऋण- Loan, Debt
लहू- Blood (here total generation)
बिलखना- To moan in extreme pain
रुदन- Cry
मातम - Mourning
जनाज़ा- Funeral Procession/ Coffin
फौलाद- As strong as Steel
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