मौत का इंतजार
अंदर से तोड़ गई।
नफरत की इस दुनिया में
इतना तन्हा छोड़ गई।
पर तेरे संग बीता वो कल याद है।
मुहब्बत में मदहोशी का पल पल याद है।
उन्हीं यादों से अब भी प्यार कर रहा हूँ।
मौत का इंतजार कर रहा हूँ।
तुम लौटकर आओगी
आज भी मुझे भरम है।
आश का ये दीपक ही
मेरे जख्मों पर मरहम है।
तुम्हारे देर करने पर राह तकना याद है।
तुम्हारे गोद में सिर रखना याद है।
उन्हीं यादों से अब भी प्यार कर रहा हूँ।
मौत का इंतजार कर रहा हूँ।
अकेलेपन में अब खुद से
बातें करने लगा हूँ।
तुम्हारा दिया गुलाब देखकर
पल - पल मरने लगा हूँ।
भरी महफिल में किया तुम्हारा इज़हार याद है।
उसी महफिल में किया मेरा इकरार याद है।
उन्हीं यादों से अब भी प्यार कर रहा हूँ।
मौत का इंतजार कर रहा हूँ।
दिल का घर मकान बनकर
अब खाली कुछ ऐसा है।
कि तुम्हारे जाने के बाद भी
हर सामान वैसे का वैसा है।
जीवन के पन्नों में तुम्हारी सूरत याद है।
जिससे प्यार किया वो पावन मूरत याद है।
उन्हीं यादों से अब भी प्यार कर रहा हूँ।
मौत का इंतजार कर रहा हूँ।
वो पीछे से आकर मेरी आँखें
बंद करके अपना नाम पूछना।
मेरे गलत बताने पर
तुम्हारा हर बार रूठना।
इस तरह तुम्हारा होना खफा याद है।
मुहब्बत में मिली वो वफा याद है।
उन्हीं यादों से अब भी प्यार कर रहा हूँ।
मौत का इंतजार कर रहा हूँ।
वो हम दोनों का नदी में
पत्थर मारना।
वो मेरा तुमसे
जान बूझकर हारना।
मेरी लिखी शायरी, मुझे ही सुनाना याद है।
जुल्फों तले तुम्हारा मुस्कुराना याद है।
उन्हीं यादों से अब भी प्यार कर रहा हूँ।
मौत का इंतजार कर रहा हूँ।
दूसरे किनारे को देख अपनी
भविष्य की कल्पना करना।
हम दोनों का एक - दूसरे के
नाम की अल्पना करना।
साथ में जो निभाए वो रस्में याद हैं।
साथ जीने मरने की हर कसमें याद हैं।
उन्हीं यादों से अब भी प्यार कर रहा हूँ।
मौत का इंतजार कर रहा हूँ।
पर आखिरी शब्द स्वरुप मेरा नाम
लेकर तुम्हारा खो जाना।
सारी कसमें तोड़कर
आखिरी नींद में सो जाना।
तेरी मृत्यु में मेरा रोना याद है।
उस वक़्त मेरे हाथ में, तेरा हाथ होना याद है।
उन्हीं यादों को याद बार बार कर रहा हूँ।
मौत का इंतजार कर रहा हूँ...... ।
-दीपक कुमार साहू
Deepak Kumar Sahu
06:11:00 PM
Really heart touching poem bro....keep it up����
ReplyDeleteThanks Prema
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Gajab hai Bhai....jug jug jiyo
ReplyDeleteBas aapki dua hai.....
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A true lover can feel this .....poem with his heart ...... I feel each line filled with love..... Again high performance delivered deepak... Wish to get more poem like this. 😊....
ReplyDeleteThanks Pret....
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Thanks Pret....
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Bhai hard kr rha h yaar.. speechless .. juss kip goin.. dil khush kr diya yaar.. lovely !
ReplyDeleteThanks Niswarth bhai...
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Thanks Niswarth bhai...
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Well done Deepak. Another nice heart touching poem. Great job.
ReplyDeleteThanks Jyoti Bhai...
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